
छोटे से मसले को तूल कैसे मिलता है यह समझना हो तो हाल ही में मध्य प्रदेश में पुरुष नसबंदी के लक्ष्य पूरे करने न कर पाने वाले बहु-उद्देश्यीय कार्यकर्ताओं के लिए कड़ी सजा के प्रावधान पर मचे बवाल को याद करना काफी होगा। इसके विरोध में राजनीतिक हंगामे का स्वर और कड़ा होता, उसमें और कई कर्कश स्वर शामिल होते इससे पहले ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मप्र मिशन संचालक को हटा दिया गया। आदेश वापस ले लिया गया। इस घटना ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सही है कि नसबंदी के लिए लोगों पर दबाव नहीं बल्कि उन्हें प्रेरित किया जाना ही श्रेयस्कर है लेकिन मध्य प्रदेश में पुरुष नसबंदी का प्रतिशत एक से भी कम होना समाज व परिवार कल्याण की दिशा में प्रदेश की बदहाली को उजागर करता है। साथ ही परिवार और दांपत्य जीवन में संतान नियोजन में भी महिला असमानता को उजागर करता है।
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