
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सुबह कारोबार शुरू होने पर 3100 अंकों की गिरावट रहने के बाद लोअर सर्किट लगा दिया गया। करीब 1 घंटे बाद जब कारोबार शुरू हुई तो बाजार ने जबरदस्त वापसी की। 11.18 बजे शेयर बाजार महज 179 अंकों की गिरावट के साथ 32,593 पर है, वहीं निफ्टी में 57 अंकों की गिरावट रही और यह 9527 पर ट्रेडिंग हुई। फिर 12.07 बजे सेंसेक्स 265 अंकों की तेजी के साथ 33,043 पर रहा, वहीं निफ्टी में 75 अंकों की बढ़त रही और यह 9664 पर रहा। 12.46 PM पर सेंसेक्स 833 अंक ऊपर था। 2.11 PM बजे सेंसेक्स 1456 अंकों की बढ़त के साथ 34,203 पर रहा, वहीं निफ्टी 404 अंक बढ़कर 9994 पर रहा।
इससे पहले भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को प्री-ओपनिंग में 3100 अंकों की गिरावट देखने को मिली। वहीं निफ्टी में 900 अंक गिरा। हालांकि लोअर सर्किट के बाद जब बाजार दोबारा खुला तो 1800 अंक की रिकवरी हुई। हालांकि फिर भी सेंसेक्स 1100 अंक नीचे रहा। 10.36 बजे सेंसेक्स 1005 अंकों की गिरावट के साथ 31,772 पर रहा। वहीं निफ्टी में 320 अंकों की गिरावट रही और 9356 पर ट्रेडिंग हुई।
इससे पहले सुबह 9.23 बजे सेंसेक्स 3090 अंक की गिरावट के साथ 29,687 पर रहा, वहीं निफ्टी 966 अंक नीचे 8624 पर रहा। इसके बाद एक घंटे के लिए कारोबार बंद कर दिया गया। 10 फीसदी की गिरावट होने पर लोअर सर्किट लगा दिया जाता है। 2008 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी 74.43 रुपए के स्तर पर पहुंच गया। वहीं अमेरिका, जापान समेत सभी शेयर मार्केट में भारी मंदी देखने को मिल कही है। अमेरिकी बाजार डाउ जोंस गुरुवार को ओपनिंग के साथ ही 1943 प्वाइंट तक फिसल गया। इसके बाद कुछ देर ट्रेडिंग रोकना पड़ी। बीच में थोड़ी रिकवरी नजर आई, लेकिन आखिरी में 2352 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।
गिरावट के तीन बड़े कारण
- कोरोना वायरस का बेकाबू होना
- अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट
- कच्चे तेल के दामों में गिरावट से मंदी की आशंका
इससे पहले गुरुवार को बीएसई के सेंसेक्स ने 2919 अंकों का गोता लगा लिया। भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही। एनएसई का निफ्टी भी 868 अंक गिरकर 9600 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे आ गया था। इस एकदिनी गिरावट में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये डूब गए थे।
सेंसेक्स की पांच बड़ी गिरावट
1. 2919 अंक, 12 मार्च, 2020 - कोरोना को महामारी घोषित किए जाने और अमेरिका द्वारा यूरोपीय देशों के यात्रियों पर प्रतिबंध से दुनियाभर के बाजार सहम गए। यही डर घरेलू बाजारों पर भी हावी रहा
2. 1942 अंक नौ मार्च, 2020 - कच्चे तेल में गिरावट, कोरोना के डर और घरेलू स्तर पर यस बैंक से जुड़े घटनाक्रमों के कारण सेंसेक्स ने गोता लगाया
3. 1625 अंक 24 अगस्त, 2015 - ग्लोबल मार्केट में गिरावट और रुपया कमजोर होने से भारतीय बाजारों ने लगाया था गोता
4. 1448 अंक 28 फरवरी, 2020 - कोरोना का प्रकोप बढ़ने की आशंका से घबराए निवेशकों ने की थी जबर्दस्त बिकवाली
5. 1408 अंक 21 जनवरी, 2008 - अमेरिका में मंदी की आशंका में दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आई। भारतीय बाजार भी इसके प्रभाव से नहीं बच सके।
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