
झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) के लिए मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस (Congress) के गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। यह महागठबंधन अभी बहुमत के आंकड़े के बेहद करीब है और इनकी सरकार बनती है तो हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है। वहीं भाजपा ने अभी अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। उसे उम्मीद है कि अंतिम नतीजे आने के बाद जेवीएम और आजसू के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। खबर है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरने ने सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ शुरू कर दिया है। हेमंत ने आजसू के सुदेश महतो और JVM को बाबूलाल मरांडी से सम्पर्क साधा है।
यदि भाजपा यहां भी सरकार नहीं बना सकी तो उसके हाथ से एक और राज्य फिसल सकता है। इससे पहले हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे देखें तो हरियाणा छोड़कर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र में अब भाजपा की सत्ता नहीं है।
झारखंड को सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या एक बार फिर भाजपा की बहुमत वाली सरकार बनेगी या खिचड़ी सरकार का राज होगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इससे पहले 2014 के चुनावों में भाजपा ने 81 में से 42 सीटों पर जीत दर्ज की थी और रघुवर दास सीएम बने थे। झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पहला मौका था, जब किसी एक दल ने बहुमत हासिल किया हो। एग्जिट पोल के मुताबिक, इस बार महागठबंधन (झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, आरजेडी ) को मौका मिल सकता है। वहीं भाजपा को बहुमत नहीं मिलता है तो झारखंड विकास मोर्चा (JVM) और आजसू की भूमिका अहम हो सकती है। JVM संकेत दे चुका है कि भाजपा को जरूरत पड़ी तो समर्थन दे सकते हैं।
बता दें, झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटे हैं और सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों की दरकार होती है। भाजपा ने अभी से 60+ का नारा दे दिया है। लोकसभा की 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भाजपा को विधानसभी में यही प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद है। वहीं राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद यह पहला चुनाव नतीजा है।
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