
रविवार सुबह दिल्ली के अनाज मंडी के फिल्मिस्तान क्षेत्र में स्थित एक कारखाने में सुबह 5:22 बजे आग लगने की घटना में 43 लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली फायर सर्विस के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि 56 से अधिक लोगों को आग से बचाया गया है। उत्तरी दिल्ली के सदर बाजार में स्थित इस इमारत में कई कारखाने चलते थे, जिसकी वजह से इमारत में 300 से ज्यादा मजदूर रह रहे थे। बताया जा रहा है कि इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल में आग लगने की वजह से लोग फंस गये थे और आग ने तीन इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। दमकल विभाग की 30 गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं। फैक्ट्री मालिक के भाई को पुलिस ने किया गिरफ्तार कर लिया है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर फैक्ट्री घर में अवैध रूप से चल रही थी, तो इसे बंद करने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की थी। एमसीडी ने फैक्ट्री को कैसे चलने दिया? दिल्ली फायर सर्विस ने स्पष्ट किया है कि इसने कारखाने को उनकी तरफ से क्लियरेंस सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था। दिल्ली फायर सर्विस के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने कहा कि रानी झांसी रोड पर आग लगने की घटना पर कहा कि इमारत में अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं थे। इसके साथ ही विभाग की तरफ से क्लियरेंस नहीं लिया गया था।
बिहार के मंत्री संजय झा ने कहा कि यह तो होना ही था। आप जाइए और अंदर की स्थिति देखिए, नंगे तार फैले पड़े हैं। मृतकों और घायलों में अधिकतम लोग पूर्वांचल और बिहार के मधुबनी व दरभंगा से थे। यह बिजली विभाग की पूरी विफलता है।
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