
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान निर्वाचन ड्यूटी पर किसी अधिकारी या कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को अब आठ लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग के मातहत मैदानी चुनाव कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए केद्रीय चुनाव आयोग की तरह आर्थिक सहायता के प्रावधान लागू कर दिए हैं। हिंसक घटना में मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि 15 लाख रुपए परिजनों को दी जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग ने छह जून 2016 को पत्र भेजकर सरकार से निर्वाचन ड्यूटी के दौरान मृत्यु या घायल होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रस्ताव दिया था। दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग के मातहत निर्वाचन ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान था। केंद्रीय चुनाव आयोग चुनाव ड्यूटी में मृत्यु या अपंगता की स्थिति में चार से लेकर 15 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है। अब इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने वाले मैदानी कर्मचारियों के लिए की गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने नगरीय निकाय और पंचायत के आम और उपचुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए नए प्रावधान लागू करने पर सहमति दे दी है। इसके तहत ड्यूटी के दौरान साधारण मृत्यु पर आठ लाख और हिंसक गतिविधियों में मृत्यु होने पर परिजनों को 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी तरह सामान्य घटना से अपंगता होने पर चार लाख और हिंसक वारदात के कारण अपंगता होने पर साढ़े सात लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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