
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ होती जा रही है। महाराष्ट्र में जहां भाजपा-शिवसेना गठबंधन लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहा है, वहीं हरियाणा में पेंच फंस गया है। ये नतीजे आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बेहद निराशाजनक रहे। पार्टी का कोई प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सका। हरियाणा की कुल 90 सीटो में से अरविंद केजरीवाल ने 46 पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, वहीं महाराष्ट्र में चुनावी मैदान में उतरने वाले 11 प्रत्याशियों में से कोई भी दोपहर तक 1000 से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर सका था।
आम आदमी को हरियाणा से बड़ी उम्मीद थी। पार्टी की कोशिश थी कि हरियाणा के जरिए दिल्ली के बाहर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई जाए, हालांकि ऐसा हो न सका। कोई प्रत्याशी कहीं विरोधियों को चुनौती देता नजर नहीं आया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में आम आदमी पार्टी को महज 0.45 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं महाराष्ट्र में पार्टी को सिर्फ 0.11 फीसदी मत मिले हैं। बता दें, अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं।
इससे पहले लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को यहां हार का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि दिल्ली में भी उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। पार्टी ने प्रत्याशी तो खड़े कर दिए, लेकिन प्रचार में कोई रुचि नहीं दिखाई। ना तो केजरीवाल ना ही पार्टी का कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए आया था। अब दिल्ली में बैठे पार्टी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। कहा जा रहा है कि अब अगले साल होने वाले दिल्ली के चुनावों के मद्देनजर पार्टी मंथन करेगी।
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