
नीलबड़ क्षेत्र में गुरुवार को एक बार फिर धमाकों की आवाज सुनाई दी। रहवासियों के मुताबिक धमाके इतने तेज थे कि मकान तक हिल गए थे। यह तीन धमाके आधे घंटे के भीतर हुए थे। भूकंप की आशंका के चलते लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए थे। लेकिन किसी को इसकी वजह समझ नहीं आई।
रहवासियों के मुताबिक सुबह 11ः23 बजे जोरदार धमाका हुआ। मकान हिलने लगे। लोग घरों से निकल आए। थोड़ी देर बाद 11ः27 बजे फिर एक धमाके की आवाज आई, हालांकि पहले धमाके की अपेक्षा इसकी आवाज कम थी। रहवासी दहशत से उबर पाते कि 11ः50 बजे एक और तेज धमाका हुआ और जमीन में कंपन के साथ मकान हिलने का एहसास हुआ। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों से बाहर निकल गए और एक दूसरे से धमाकों के बारे में चर्चा करने लगे। इस मामले की जानकारी मिलते ही जिला खनिज निरीक्षक अशोक द्ववेदी नीलबड़ पहुंचे। रहवासियों को बताया कि यह भूकंप नहीं है। बारिश के कारण भू-जल स्तर बढ़ने से जमीन के भीतर पानी-हवा और चट्टानों के बीच हो रहे टकराव के कारण हो रहे धमाके हो रहे हैं।
बता दें कि दो हफ्ते पहले नीलबड़ क्षेत्र में तीन से चार बार धमाके हो चुके हैं। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर तरुण पिथोड़े और जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र सिंह परमार को सौंप चुके हैं। नीलबड़ के अलावा रातीबड़, कोलार, कोहेफिजा में भी अगस्त-सितंबर में भू-जल स्तर बढ़ने से धमाके होने की घटनाएं हो चुकी हैं। नीलबड़ के रहवासी शरद भार्गव, विजय सिंह मारण ने बताया कि तेज आवाज के साथ धमाके हुए थे और लगा भूकंप आया है। पूर्व में भी धमाकों की घटनाएं हो चुकी हैं। भारी बारिश से भू-जल स्तर बढ़ने से धमाके हो रहे हैं। इसके बाद लोग अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए।
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