
शहर में बुधवार की सुबह का आगाज जहां धूप से हुआ, वहीं शाम पांच बजे बाद अचानक बादल छाए और गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक एयरपोर्ट पर रात 8.30 बजे तक 22.2 मिलीमीटर बारिश हुई, वहीं रीगल क्षेत्र में शाम पांच से छह बजे के बीच करीब एक इंच (22.50 मिलीमीटर) बारिश हुई। इस दौरान हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा थी। बारिश और हवा के कारण सड़कों पर वाहन चालकों को सामने वाले वाहन नहीं दिखाई दे रहे थे।
बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.6 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को शहर में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी व अरब सागर में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण दोनों स्थानों से नमी आ रही है। ऐसे में शुक्रवार शाम से शहर में तेज बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
खराब हुईं 60 से ज्यादा सड़कें, सुधारने पर खर्च होंगे 25 करोड़
इस साल बारिश ने सड़कों की हालत खराब कर दी है। कुछ सड़कें तो पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। अफसरों का अनुमान है कि 60 से 70 सड़कें सुधारने पर निगम को 25 करोड़ तक की राशि खर्च करनी पड़ सकती है। फिलहाल निगम कच्चे पेचवर्क से गड्ढे भरवा रहा है। सूत्रों ने बताया कि नगर निगम ने सड़कों को हुए नुकसान का जो शुरुआती सर्वे करवाया है, उसके मुताबिक डामर की 60-70 सड़कों को या तो पूरी तरह नया बनाना होगा या उनके बड़े हिस्से में सड़क बनानी होगी। कुछ सड़कें ऐसी भी हैं जहां बड़े पैमाने या आंशिक स्तर पर पेचवर्क की जरूरत है। सड़कों को ठीक करने के लिए अलग-अलग पैकेज में टेंडर बुलाए जा रहे हैं। इस संबंध में नगर निगम जनकार्य विभाग के अधीक्षण यंत्री एनएस तोमर ने बताया कि डामर की सड़कें बनाने या उनकी रिपेयरिंग के इस्टिमेट फाइनल किए जा रहे हैं इसलिए खर्च का आंकड़ा अभी नहीं बताया जा सकता। खराब सड़कों को सुधारने का काम सितंबर अंत या अक्टूबर के पहले हफ्ते तक शुरू होने की संभावना है। यदि डामर के प्लांट जल्दी शुरू हो गए तो सुधार कार्य जल्द भी शुरू किए जा सकते हैं।
अमृत योजना के तहत स्काडा सिस्टम के वॉल्व और फ्लो मीटर लगाने के लिए बुधवार से शटडाउन लेकर नर्मदा प्रथम और द्वितीय चरण का जलप्रदाय बंद कर दिया गया। बुधवार के जलप्रदाय पर इसका असर नहीं हुआ लेकिन गुरुवार को पश्चिमी क्षेत्र में आंशिक रूप से जलप्रदाय प्रभावित हो सकता है। यह परेशानी क्षेत्र के लोगों को 26 सितंबर तक झेलनी होगी क्योंकि नौ दिन तक नर्मदा प्रथम और द्वितीय चरण की लाइनों में काम किए जाएंगे। शटडाउन के दौरान नगर निगम का नर्मदा प्रोजेक्ट विभाग 34 जगह वॉल्व लगाने के अलावा फ्लो मीटर भी लगाएगा। नर्मदा प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह आठ बजे से नर्मदा प्रथम और द्वितीय चरण से मिलने वाले 115 एमएलडी पानी की सप्लाई रोकी गई है। जलप्रदाय रोकने के साथ वॉल्व लगाने का काम शुरू हो गया है।
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