
एक वरिष्ठ उपभोक्ता ने रिटायर होने के बाद 8 लाख रुपए डाकघर में तीन साल के लिए एक स्कीम के तहत जमा किए थे। उनके खाते से बेवजह राशि काटना डाकघर के मुख्य पोस्ट मास्टर को भारी पड़ गया। दरअसल, कोलार रोड ज्ञानपुरी अकबरपुर निवासी शियोराम श्याग ने वर्ष 2001 में रिटायरमेंट के दौरान मिले आठ लाख रुपए कोलार पोस्ट ऑफिस में सीनियर सिटीजन स्कीम के तहत तीन साल के लिए जमा किए थे। जमा राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलना था। ब्याज की राशि उनके बचत खाते में तिमाही जमा की जाती थी। 8 जुलाई 2008 को पोस्ट ऑफिस की ओर से सूचना दी गई कि उन्हें 8 हजार रुपए का ज्यादा भुगतान हो गया है, यह राशि उनके 8 लाख रुपए में से काटी जाएगी और राशि काट ली गई।
उपभोक्ता ने डाकघर में संपर्क किया तो उन्हें सही जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पोस्ट मास्टर कोलार रोड पोस्ट ऑफिस और सेंट्रल पोस्ट ऑफिस टीटी नगर के खिलाफ वर्ष 2012 में फोरम में याचिका पेश की। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष न्यायाधीश आरके भावे और पीठासीन सदस्य सुनील श्रीवास्तव की बेंच ने फैसला सुनाया। इसमें डाकघर द्वारा काटी गई राशि 8 हजार रुपए ब्याज के साथ लौटाने के अलावा हर्जाना 8 हजार रुपए सहित कुल 16 हजार रुपए उपभोक्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।
डाकघर के तर्क को खारिज किया :- डाकघर की ओर से तर्क दिया गया कि उपभोक्ता को स्कीम के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी। स्कीम के आवेदन में भी इसका जिक्र है। इसके मुताबिक उपभोक्ता द्वारा मेच्युरिटी से पहले राशि निकालने पर ब्याज की राशि कम हो जाती है। फोरम ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि डाकघर द्वारा उपभोक्ता को स्कीम के बारे में साफ तौर पर नहीं बताया गया। इसके अलावा काटे गए 8 हजार रुपए के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं दी गई। इसके लिए पोस्ट मास्टर कोलार पोस्ट ऑफिस और सेंट्रल पोस्ट ऑफिस टीटी नगर संयुक्त रूप से जिम्मेदार हैं, इसलिए आदेश दिया जाता है कि दो महीने के भीतर आवेदक को 8 हजार रुपए मेच्युरिटी दिनांक 8 जुलाई 2008 से वसूली दिनांक तक 9 प्रतिशत ब्यात के साथ भुगतान करें। इसके अलावा 5000 रुपए मानसिक क्षति और 3000 रुपए वाद व्यय अदा करें।
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