
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 4,600 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस हुआ है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतें कर्ज में डूबी विमानन कंपनी के घाटे की बड़ी वजह रहीं। हालांकि चालू वित्त वर्ष में कंपनी ऑपरेशनल प्रॉफिट में आने की उम्मीद कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 2018-19 में कंपनी का कुल राजस्व 26,400 करोड़ रुपये पर रहा। इस दौरान कंपनी का कुल घाटा करीब 8,400 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
तेल की कीमतों से पड़ा असर :- एक अन्य अधिकारी का कहना है कि हाल के दिनों में तेल की कीमतों में स्थिरता के दम पर वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 700 से 800 करोड़ रुपये के ऑपरेटिंग प्रॉफिट की उम्मीद है। रुपये में ज्यादा उठापटक नहीं होने से भी कंपनी को संभलने में मदद मिलेगी। पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने से बढ़ी लागत के चलते कंपनी को यह घाटा उठाना पड़ा। एयर इंडिया के विमान फिलहाल 41 अंतरराष्ट्रीय एवं 72 घरेलू रूट पर उड़ान भरते हैं।
दो नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू करने की तैयारी :- कंपनी दो नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू करने की तैयारी में है। 27 सितंबर को टोरंटो के लिए उड़ान शुरू की जाएगी, जबकि नवंबर में नैरोबी के लिए उड़ान की शुरुआत होगी। कंपनी पर 58,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। कर्ज चुकाना कंपनी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है, क्योंकि इस मद में कंपनी की सालाना देनदारी 4,000 रुपये से ज्यादा की बनती है।
इनका कहना है :- एविएशन कंसल्टेंसी सीएपीए साउथ एशिया के सीईओ व डायरेक्टर कपिल कौल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। प्रदर्शन में सुधार से कंपनी के विनिवेश में भी मदद मिलेगी।
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