
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना राजा विक्रमाादित्य से की है। रुपाणी ने कहा कि मोदी जिस कुर्सी को छोड़कर गए, वह विक्रमादित्य की कुर्सी जैसी है, इस पर बैठने वाला व्यक्ति स्वत: जनहित को समर्पित, प्रमाणिक व न्यायिक कार्य करने लगता है। गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दूसरी बार आसीन हुए रूपाणी सरकार के तीन साल पूरे होने पर गांधीनगर में एक समारोह का आयोजन किया गया था। यहां सीएम ने कहा कि 7 अगस्त 2016 को शपथ लेने के बाद उन्होंने सरकार के लिए चार पैमाने निर्धारित किए थे जिसमें पारदर्शिता, संवेदनशीलता, निर्णायकता व प्रगतिशील सरकार शामिल हैं।
रुपाणी ने गुजरात पुलिस की पीठ थपथपाते हुए कहा कि अपराधी व आतंकियों को पाताल से भी खोज लाने में पुलिस ने सफलता पाई है। कुछ समय पहले रुपाणी ने पुलिस तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए इस विभाग की खिंचाई भी कर दी थी। इससे पहले उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने सरकार के 3 साल के कामकाज की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने किसान, श्रमिक, महिलाओं व युवाओं की बेहतरी के लिए कई कार्यकिए। रुपाणी सरकार ने अपने 3 साल के कार्यकाल में राज्य के जनहित के लिए। करीब छह सौ निर्णय किए।
नीतिन पटेल ने कहा कि इन तीन साल में सरकार कभी बाढ से जूझी तो कभी अकाल से लेकिन किसानोंव जनता को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करने दिया। उन्होंने कहा पूर्ववर्ती सरकारों ने जनहित की उपेक्षा की इसलिए पंचायत, तहसील पंचायत, जिला पंचायत व विधानसभा तक जनता ने भाजपा को ही सत्ता में रखा।
आर्टिकल 370 नेहरू की भूल :- तीन साल की उपलब्धियों पर बनाए गए वीडियों में आर्टिकल 370 को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की भूल बताते हुए पीएम मोदी को उस भूल सुधारने का श्रेय दिया। नितिन पटेल ने यहां तक कहा कि देश के निर्माण में गांधी व सरदार ने जो भूमिका निभाई आज संयोग से गुजरात के ही दो सपूत नरेंद्र मोदी व अमित शाह उस भूमिका को निभा रहे हैं। समारोह की शुरुआत में दो मिनट का मौन रखकर भाजपा की दिग्गज नेता व पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी गई।
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