
मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से छठी मर्तबा जीते फग्गनसिंह कुलस्ते Faggan Singh Kulaste को इस बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है। वे पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। कुलस्ते पार्टी का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं।
भाजपा में महाकोशल अंचल के दिग्गज आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के बारबटी गांव के मूल निवासी हैं। 18 मई 1959 को जन्मे कुलस्ते की उच्च शिक्षा मंडला कालेज (तत्कालीन सागर विश्वविद्यालय) एवं रानी दुर्गावती विवि जबलपुर से हुई। वह एमए, बीएड और विधि में स्नातक हैं। 1990-92 में पहली बार विधायक और 1996 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने।
कुछ प्रमुख बिंदु
- 1988 में सामान्य कार्यकर्ता के रूप में भाजपा से राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
-1989 में पहली बार निवास विधानसभा से चुनाव लड़े और विधायक बने।
-1990-1992 स्वास्थ्य संसदीय सचिव मध्यप्रदेश सरकार में रहे।
1996 में 11 वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
1998 में 12 वीं लोकसभा के लिए चयनित
1999 में 13 वीं लोकसभा के लिए चुने गए एवं केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहे।
1999- 2004 तक केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री
2009 में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम से चुनाव हारे
2012 में राज्यसभा में चुने गए।
2014 में लोकसभा का चुनाव जीते
2016-2017 में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री रहे।
मंडला चुनाव में भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल मरावी को 97 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। कुलस्ते ने मतगणना के शुरुआती दौर से ही बढ़त बना ली थी। वे अंत तक बढ़त बनाए हुए रहे। महाकोशल अंचल की मंडला संसदीय सीट पर अब तक परंपरागत रूप से कांग्रेस एवं भाजपा के बीच ही मुकाबला होता रहा है। भाजपा ने अपना प्रत्याशी पहले ही तय कर दिया था और वर्तमान सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते पर भरोसा जताते हुए फिर मौका दिया था।
वहीं कांग्रेस ने काफी मंथन के बाद कमल सिंह मरावी को अपना प्रत्याशी घोषित किया। आदिवासी बेल्ट की इस सीट पर 1996 से हर बार फग्गन सिंह कुलस्ते ही भाजपा के प्रत्याशी रहे हैं। यहां 1996 से अब तक भाजपा 6 बार कांग्रेस एक बार जीत हासिल कर चुकी है। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मंडला लोसकभा सीट पर 77.62 प्रतिशत मतदान हुआ।
No comments:
Post a comment