
बैंडबाजे की ट्रेनिंग पर आज फिर मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि बैंड एक कला है जिसे जीवित रखने के लिए वे ट्रेनिंग देकर कम पढ़े-लिखे बेरोजगारों को रोजगार देना चाहते हैं। वे बोले उनकी योजना बैंड की ट्रेनिंग देने की ही नहीं है, बल्कि दूसरों का बैंड भी बजाएंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को राजधानी के मिंटो हॉल में पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने अपनी सरकार के काम करने के तरीके को पिछली सरकार से अलग बताया। कमलनाथ ने कहा कि वे निवेश की ऐसी नीति पर काम कर रहे हैं, जिसमें सेक्टर के मुताबिक निवेश आए। ऐसे निवेश पर उनका जोर है, जिससे मध्यप्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा हों। ऐसा निवेश नहीं चाहते कि राशि तो बड़ी हो, लेकिन स्थानीय लोगों को काम न मिले।
कमलनाथ ने कृषि क्षेत्र की नीति को त्रुटिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले कम कृषि उत्पादन को ध्यान में रखकर जो नीति बनाई जाती थी, उसी नीति पर आज काम चल रहा है। जबकि आज प्रदेश में ज्यादा उत्पादन हो रहा है और कृषि नीति में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। मंडियों के बाहर किसानों की फसलों से भरे ट्रकों-ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी लाइन लगी रहती है। किसान भटकता रहता है। इसलिए ऐसी नीति तैयार करना होगी, जिसमें ज्यादा उत्पादन की स्थिति में किसान को राहत मिल सके।
अदालत में पक्ष रखेंगे :- ओबीसी आरक्षण को लेकर सीएम ने कहा दूसरे राज्यों की तरह हमने यह व्यवस्था की थी। अदालत में मामला गया है और वहां सरकार मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेगी। कमलनाथ ने दोहराया है कि कर्ज माफी से अब तक 22 लाख किसान लाभांवित हुए हैं। सरकार का लक्ष्य था कि आचार संहिता के पहले 30 लाख किसानों को कर्ज माफी का लाभ पहुंच जाए, लेकिन लगभग 75 दिन में सरकार ने कई चुनौतियों के बाद भी विधानसभा चुनाव के अधिकतर वचन पूरे किए।
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