
देश में इस साल सोने की मांग पिछले एक दशक में सबसे अधिक रह सकती है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक कम पैसे में निवेश की सुविधा और म्यूचुअल फंड से बेहतर रिटर्न न मिल पाने के कारण सोने की मांग बढ़ने की संभावना है। काउंसिल का कहना है कि इस साल भारत में सोने की मांग पिछले 10 वर्ष के औसत से अधिक रहने का अनुमान है, क्योंकि सरकार मई में होने वाले आम चुनाव से पहले उपभोक्ताओं का भरोसा और खर्च क्षमता बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रही है। पिछले एक दशक से भारत में सोने की सालाना मांग औसतन 738 टन रही है। डब्ल्यूजीसी के अनुसार 2019 के दौरान भारत में सोने की खपत 2018 के 760.4 टन के मुकाबले 750-850 टन रहने की संभावना है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ता भारत में खपत बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों को सपोर्ट मिलेगा, जो पहले से 8 महीनों के सबसे ऊंचे स्तर के आसपास है।
खपत बढ़ने की उम्मीद इसलिए
1. चुनावी साल होने के कारण सरकार की कोशिश होगी कि खर्च करने के लिए लोगों के हाथ में अधिक पैसा हो।
2. कम समय में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक खर्च होंगे, जिसका असर लोगों की आय और बचत पर होने की संभावना है।
3. चुनाव से पहले केंद्र सरकार किसानों की मदद के उपायों की घोषणा कर सकती है, जो सोने के सबसे बड़े खरीदार हैं।
4. शेयर बाजार में तेजी तो है, लेकिन कुछ ही कंपनियों के शेयर चढ़े हैं, जबकि ज्यादातर शेयरों में बड़ा करेक्शन आया है।
- व्यापार घाटा बढ़ सकता है
- रुपया दबाव में आ सकता है
पिछले साल घटी थी खपत :- डब्ल्यूजीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल भारत में सोने की खपत 1.4 प्रतिशत घट गई थी। सोने के सिक्कों और बिस्कुट की मांग में 4 प्रतिशत गिरावट आई थी। लेकिन, डब्ल्यूजीसी इंडिया के चेयरमैन पीआर सोमसुंदरम के मुताबिक 2018 के दौरान भारत में सोने के बिस्कुट का आयात 10 प्रतिशत बढ़कर 275.9 टन हो गया, क्योंकि खनिकों द्वारा तैयार सेमी-प्योर अलॉय पर आयात शुल्क परिष्कृत सोने के मुकाबले 0.65 प्रतिशत कम है। लंबी अवधि में भारत के कुल आयात में सोने के बिस्कुट की हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है।
सोने की तस्करी बढ़ी :- भारत में सोने की तस्करी बढ़ी है क्योंकि भारत ने अगस्त, 2013 में आयात शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि पिछले साल तस्करी में कुछ कमी आई। डब्ल्यूजीसी के अनुसार 2018 के दौरान भारत में लगभग 90-95 टन सोने की तस्करी की गई, जो एक साल पहले के 115-120 टन से कम है।
ब्याज दरों में कटौती का होगा असर :- रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी। इस फैसले की वजह से बैंक ब्याज दरें घटा सकते हैं। ऐसे में लोन की मांग बढ़ सकती है और ब्याज पर होने वाला खर्च भी घटने की संभावना है। जाहिर है, लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा रकम बचेगी, जिसके कारण सोने की मांग बढ़ सकती है।
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