
पीएनबी घोटाले के भगोड़े आरोपित मेहुल चौकसी, उसके परिवार और उसकी कंपनियों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक से भी 405 करोड़ कर्ज लेने की बात सामने आई है। स्टेट बैंक ने इस कर्ज की वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी है। फरवरी 2018 में स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि नीरव मोदी से जुड़े पीएनबी बैंक घोटाले से उनके बैंक का सीधे तौर पर कुछ लेना-देना नहीं है।
उन्होंने पीएनबी पर बकाया 1,360 करोड़ रुपए की बात तो मानी थी, लेकिन चौकसी को दिए गए इस 405 करोड़ रुपए के कर्ज का अभी तक कोई जिक्र नहीं हुआ था। बुधवार को मीडिया में चल रही चर्चा के अनुसार, स्टेट बैंक ने चौकसी, उसके परिवार और समूह की कंपनियों की मुंबई, रायगढ़, नासिक और हैदराबाद स्थित संपत्तियों के आधार पर यह कर्ज प्रदान किया था और बैंक ने इन्हीं संपत्तियों के जरिए कर्ज की वसूली प्रक्रिया शुरूकर दी है।
इन संपत्तियों में आवासीय व वाणिज्यिक परिसर और महाराष्ट्र व तेलंगाना में कई भूखंड शामिल हैं। सिक्यूरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स की धारा 13(2) और इंफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंट्रेस्ट एक्ट, 2002 के तहत स्टेट बैंक ने 31 दिसंबर, 2018 को उनके अंतिम ज्ञात पते पर नोटिस भी भेजे थे। लेकिन ये नोटिस किसी ने प्राप्त नहीं किए और वापस आ गए। बैंक ने उन्हें 60 दिनों में कर्ज चुकाने की चेतावनी दी है। अगर इस अवधि में कर्ज नहीं चुकाया गया तो गिरवी रखी गई संपत्तियों से बैंक कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
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