
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावों में पारदर्शिता के लिए एक और अहम कदम उठाया है। देश के हर मतदान केंद्र पर काम करने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर आयोग की अब ऑनलाइन नजर रहेगी। ईवीएम ट्रैकिंग मोबाइल एप के जरिए रियल टाइम जानकारी रहेगी कि किस विधानसभा क्षेत्र के किस बूथ पर किस नंबर की ईवीएम है। मध्यप्रदेश सहित जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां पहली बार इस सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। आयोग ने इन पांच राज्यों में एक-एक जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है, जहां यह सिस्टम काम करेगा। मध्य प्रदेश में इंदौर जिले को चुना गया है।
इस निगरानी तंत्र में ईवीएम ट्रैकिंग मोबाइल एप और ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सिस्टम से निर्वाचन आयोग के दिल्ली और भोपाल कार्यालय के अलावा जिला निर्वाचन अधिकारी व विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी की सतत जानकारी में रहेगा कि किस नंबर की ईवीएम किस वेयरहाउस या किस मतदान केंद्र पर रखी है। हर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में एक वेयरहाउस है, जिसमें ईवीएम रखी गई हैं। जिले में निर्वाचन का कामकाज देख रही अपर कलेक्टर निधि निवेदिता ने बताया कि आयोग की ओर से इस सिस्टम की एक ट्रेनिंग हो चुकी है। सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी मिलना बाकी है।
हर वक्त जीपीएस काम करेगा
यह पहली बार होगा कि जब चुनाव के दौरान वेयरहाउस से ईवीएम निकालकर पोलिंग पार्टी के साथ पोलिंग बूथ के लिए रवाना की जाएंगी तो उनमें ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) काम करेगा। इससे वेयरहाउस से चलकर पोलिंग बूथ पर जाने तक ईवीएम पर नजर रहेगी। लगातार पता चलता रहेगा कि किस नंबर की ईवीएम को किस रास्ते से किस बूथ तक ले जाया गया है और किस बूथ पर रखा है। जब किसी बूथ पर चुनाव के दौरान कोई ईवीएम खराब होगी तो इसकी भी जानकारी मिलेगी। बदले में दूसरी ईवीएम रवाना की जाएगी। इसका भी सही समय पता चलेगा।
No comments:
Post a comment