
साल की एक महिला से यौन उत्पीड़न के मामले में राजस्थान के अलवर जिले की एक अदालत ने स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी महाराज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अलवर पुलिस ने पिछले साल सितंबर में बाबा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कारावास के अलावा अदालत ने बाबा पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
फैसला सुनाए जाने के दौरान फलाहारी बाबा मौन ही रहा और कोर्ट परिसर में गुमसुम ही बैठा रहा। लेकिन वापस जेल जाने के बाद उसने जेल के अधिकारियों से बातचीत की। जेल प्रशासन के मुताबिक, वह जेल में अकेला बैठा रहता है और किसी से बात नहीं करता। पूजा-पाठ जरूर करता है। वह बैरक नं. 1 में अन्य कैदियों के बीच जमीन पर ही सोता है। एक साल से जेल में बंद फलाहारी का वजन कम हो गया है। अलवर सेंट्रल जेल में केला, पपीता खाता है और गाय का दूध भी पीता है। फलाहारी को न्यायालय की ओर से जेल में दूध के लिए अनुमति प्रदान की हुई है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली 21 साल की एक महिला ने 11 सितंबर, 2017 में बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में उसने आरोप लगाया था कि 7 अगस्त को अलवर स्थित अपने आश्रम में यौन शोषण किया था। पीड़िता का परिवार सालों से बाबा के भक्त थे। पढ़ाई के बाद जब इंटर्नशिप में उसे स्टाइपंड मिला तो वह एक चेक आश्रम में दान करने गई थी। तब बाबा ने उसके साथ गलत हरकतें की। इस शिकायत पर बिलासपुर पुलिस ने अलवर के अरावली थाने को जीरो एफआईआर भेजी थी जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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