
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जेलें कठिन जगह जरूर हैं लेकिन विजय माल्या जैसे भगोड़ों के लिए उपयुक्त हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ठीक से अपना काम नहीं करने दिया जा रहा है। वह अपना समय वीजा का समाधान निकालने में बिता रही हैं जबकि यह दूतावास स्तर के अधिकारी कर सकता है। विदेश मंत्री का काम विदेश नीति तैयार करना और रणनीति पर चर्चा करना है। लेकिन उन्हें चर्चा करने की अनुमति भी नहीं है।
भारतीय पत्रकारों के संगठन के साथ बातचीत में राहुल ने कहा कि भारत छोड़ने से पहले माल्या ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। यह दस्तावेज में है, लेकिन मैं उन नेताओं का नाम नहीं लूंगा। विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय जेलों की स्थिति के बारे में पूछने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'जहां तक माल्या का सवाल है भारतीय जेलें थोड़ी भिन्न हैं। सभी के लिए न्याय समान होना चाहिए। सिर्फ माल्या के लिए अलग व्यवस्था नहीं की जा सकती।'
बेरोजगार होने के कारण लोगों ने किया ट्रंप, मोदी का समर्थन :- कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोगों के पास रोजगार नहीं था इसलिए उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया। रोजगार नहीं होने के कारण लोग गुस्से में थे। इस समस्या का समाधान करने की जगह इन नेताओं ने उस गुस्से को और भड़काया। ऐसा कर उन्होंने देश को क्षति पहुंचाई।
विमान से महंगा होगा बुलेट ट्रेन का सफर :- मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस ट्रेन का सफर विमान में सफर करने से ज्यादा महंगा होगा। बुलेट ट्रेन नहीं चल रही है। आपके पास बुलेट ट्रेन का पोस्टर हो सकता है। लेकिन इस ट्रेन का टिकट एयरलाइन के टिकट से ज्यादा महंगा होगा।
प्रधानमंत्री बनना मेरा सपना नहीं, मेरी लड़ाई विचारधारा से कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह अभी प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उनकी लड़ाई विचारधारा से है। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या आप भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने के बारे में सोचते हैं? इसके जवाब में राहुल ने कहा, 'मैं यह सपना नहीं देखता। फिलहाल मैं इस बारे में नहीं सोच रहा। मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं।' इससे पहले मई में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि अगर 2019 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है तो फिर मैं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता?
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