
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक इंक और उसके संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग के लिए गुरुवार का दिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और डरावना साबित हुआ। अमेरिकी शेयर बाजार नास्डैक कंपोजिट में दिन के शुरुआती कारोबार में ही कंपनी के शेयर 19.6 फीसद की ऐतिहासिक गिरावट के बाद 174.78 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर रह गए। इससे फेसबुक का बाजार पूंजीकरण एक झटके में 124 अरब डॉलर (करीब 8.56 लाख करोड़ रुपये) गिर गया। यह रकम ट्विटर के कुल बाजार पूंजीकरण के मुकाबले चार गुना से भी ज्यादा है। वहीं, शेयरों में इस गिरावट के बाद जुकरबर्ग की संपत्ति में करीब 16 अरब डॉलर (एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) की कमी आई।
फोर्ब्स के रियल टाइम डाटा के हिसाब से जितनी संपत्ति जुकरबर्ग ने एक झटके में गंवा दी है, उतनी दुनिया के 81वें सबसे धनवान व्यक्ति की कुल संपत्ति है। असल में फेसबुक के अधिकारियों ने बुधवार को अगले दो वर्षों से ज्यादा वक्त के लिए कंपनी की प्रोफिट मार्जिन में कमी का अंदेशा जताया था। उनका कहना था कि वेबसाइट पर यूजर्स की प्राइवेसी यानी निजता सुरक्षित रखने के लिए जिस तरह के प्रयास और निवेश कंपनी कर रही है, उससे उसकी प्रोफिट मार्जिन घट सकती है। इसके साथ ही उनका यह भी कहना था कि जिन बाजारों से कंपनी को सबसे ज्यादा विज्ञापन मिलते रहे हैं, उनमें वेबसाइट के उपयोग में धीमापन आता दिख रहा है।
इस खबर के बाद कम से कम 16 ब्रोकरेज संस्थाओं ने फेसबुक शेयरों की टारगेट प्राइस में कटौती कर दी और देखते ही देखते कंपनी अमेरिकी शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट का रिकॉर्ड बना गई। प्राइवेसी से जुड़ी कई चुनौतियों ने पिछले कुछ समय से फेसबुक की परेशानी बढ़ाई हुई है।
इसी वर्ष कैंब्रिज एनालिटिका के मामले में यूजर्स की प्राइवेसी से समझौते को लेकर कंपनी की खासी किरकिरी हुई थी। कंपनी पर कई अन्य एप्लीकेशन डेवलपर्स के साथ भी यूजर्स की निजी जानकारियां साझा करने के आरोप हैं। इसके अलावा प्राइवेसी को लेकर यूरोप की नई नीतियों से भी कंपनी के कारोबार पर खासा असर पड़ने की आशंका है। ऐसे में कंपनी की दूसरी तिमाही के नतीजों ने उसके कारोबार पर असर के संकेत तो दिए थे, लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि एक कारोबारी सत्र में कंपनी को इतना बड़ा झटका लगेगा। हालांकि कारोबार के आखिर में कंपनी के शेयर 18.4 फीसद गिरावट पर बंद हुए।
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