करीब 6.5 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी से टकराकर डायनोसोर की विलुप्ति का कारण बने चिकजुलब एस्टरॉयड (क्षुद्रग्रह) ने धरती का तापमान भी बढ़ा दिया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस टक्कर के बाद करीब एक लाख साल तक धरती का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा था। करोड़ों वर्ष पूर्व हुई इस दुर्लभ घटना के दौरान बढ़ा तापमान वर्तमान में मानवीय गतिविधियों के चलते ग्लोबल वार्मिंग से तापमान में हो रही बढ़ोतरी से कहीं ज्यादा था।
एस्टरॉयड की टक्कर के बाद धरती पर आए बदलावों को लेकर वैज्ञानिकों में मतभेद हैं। कुछ का कहना है कि इस टक्कर से पैदा हुए धुएं ने सूर्य की रोशनी को रोककर धरती को ठंडा कर दिया। जबकि कुछ का दावा है कि जंगलों में लगी आग से पैदा हुई कार्बन डाईऑक्साइड के कारण धरती का तापमान बढ़ गया था। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बाउलडर के शोधकर्ताओं ने अब इस टक्कर से लंबे समय तक पृथ्वी का तापमान बढ़ने का दावा किया है। उन्होंने ट्यूनीशिया में मिले मछली के दांतों और हड्डियों की जांच की। इन्हें तलक्षटों से एकत्रित किया गया था।
ये तलक्षट एस्टरॉयड की टक्कर के बाद पृथ्वी में हो रहे बदलावों के दौरान मौजूद थे। इन नमूनों में समस्थानिक ऑक्सीजन की मौजूदगी के चिह्न मिले हैं, जिससे उस वक्त के तापमान का पता चलता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस टक्कर से तापमान पांच डिग्री सेल्सियस बढ़ा और एक लाख साल तक धरती ठंडी नहीं हुई। उस वक्त वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा से भी इसकी पुष्टि हो गई है।
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