
मैं हार की कल्पना कर ही नहीं रहा हूं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस बाकी राज्यों के अपेक्षा ज्यादा मजबूत है। हमें इसे बस सक्रिय बनाने की जरूरत है। यह चुनौती होगी लेकिन यहां सभी के बीच एकजुटता है। किसी तरह की खेमेबाजी नहीं क्योंकि मेरे सभी के साथ अच्छे संबंध हैं।
मैंने हमेशा कहा है कि जीत के लिए हमें हर किसी की मदद की जरूरत है। चाहे वह दिग्विजय सिंह हों, ज्योतिरादित्य सिंधिया या फिर कांतिलाल भूरिया। मैंने इन सभी से बात की है और ये अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। वह इसे बखूबी समझते भी हैं क्योंकि इस बार दांव बहुत बड़ा है। मैं कांग्रेस का पहला ऐसा प्रदेश अध्यक्ष होउंगा जो पार्टी की एकजुटता के लिए चिंतित नहीं है।
2003 में हम इसलिए हारे थे क्योंकि उस समय प्रदेश में सत्ता के खिलाफ लहर थी। 2008 में बीजेपी इसलिए जीती क्योंकि उसने किसान कर्ज माफी सहित कई बड़े वादे किए थे। हम उस समय संगठनात्मक मोर्चे पर थोड़ा कमजोर थे और टिकट बांटने पर भी कुछ गड़बड़ियां हुई थीं। 2013 में उन्होंने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया और कांग्रेस बीजेपी की संगठनात्मक ताकत का मुकाबला नहीं कर सकी।
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