
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसी गैंग को पकड़ा है जो बड़े शातिर अंदाज़ में लोगों के एटीएम कार्ड और पिन लेकर उन्हें स्वाइप कर पैसे निकाल लेती थी. पुलिस को शक है कि इस गैंग ने ऐसी करीब 500 वारदात को अंजाम दिया है.
पुलिस का दावा है कि शातिर बदमाश संजय और इमरान की जोड़ी बड़े ही शातिर अंदाज़ में लोगों के एटीएम लेकर उसका पिन नंबर देखकर पैसे निकाल लेती थी. ऐसी ही एक वारदात को इन लोगों ने बीते साल 5 जुलाई को कालका जी इलाके में अंजाम दिया था और फिर दोनों पकड़े गए.
दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि यह बदमाश दो प्रकार के विक्टिम को टारगेट करते थे, बुज़ुर्ग और खासकर महिला या फिर कम पढ़े-लिखे लोग जिनको तकनीक की कम जानकारी होती है और ऐसे लोग मदद मांगते हैं. यह बदमाश एटीएम के अंदर मौजूद रहते थे और जैसे ही टारगेट आता था उसको धक्का मार देते थे ताकि उनका एटीएम कार्ड गिर जाए. उस कार्ड को उठाते समय बदमाश कार्ड की अदल-बदली कर देते थे. जब कस्टमर गलत एटीएम डालकर पिन डालता था तो ये पिन नंबर देख लेते थे. इससे उनको ओरिजिनल एटीएम कार्ड के साथ-साथ पिन नंबर भी मिला जाता था. इसके बाद यह बदमाश आसपास के किसी भी एटीएम से वैसे निकाल लेते थे.
पुलिस के मुताबिक इन दोनों आरोपियों ने दिल्ली से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक इस तरह की सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है. कई बार ये पुलिस को चकमा देने के लिए एक पीड़ित के एकाउंट से निकाला गया पैसा दूसरे पीड़ित के एकाउंट में डाल देते थे जिससे पुलिस समझे कि एटीएम चुराने वाला और पैसे निकालने वाला वही है. कई बार ये लोग वारदात के लिए जेबकतरों से भी एटीएम लेते थे. चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि ये पॉकेटमार से भी एटीएम लेते थे क्योंकि जब आप किसी के एटीएम कार्ड को बदलते हैं तो आपको उसी बैंक का उसी तरह का एटीएम चाहिए होता है. उनके पास अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड होते थे.
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